अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: रुस-यूक्रेन में विवाद के चलते रूस की सेना के यूक्रेन पर भीषण हमले से यूरोप के नाटो देशों में खौफ का माहौल है। जिसके चलते नाटो के चीफ स्टोलटेनबर्ग ने एक बड़ा एलान किया है. बता दे कि चीफ स्टोलटेनबर्ग ने कहा है कि रूस का उद्देश्य सिर्फ यूके तक सीमित नहीं नाटो रिस्पांस फोर्स को अपने साथी देशों की जमीन पर आसमान और समंदर में तैनात करने जा रहा है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और यूके पर रुस के हमले के बाद साथी देशों की रक्षा के लिए सेना की तैनाती पर सहमत है. लेकिन यह नहीं बताया की कितने सैनिक तैनात किये जाएँगे. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि रूस के रोमानिया में जहाज पर हमले के बाद यह कार्यवाही की जा रही है. रोमानिया नाटो का सदस्य है. यह हमला यूके के निर्दोष लोगों पर विनाशकारी बनकर आया है. यह पूरे यूरोपीय सुरक्षा व्यवस्था पर हमला है, और यही कारण है कि हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहे. रूस
का लक्ष्य है यूके की सरकार को बदलना. मैं यूके के सभी बलों के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करता हूँ, जो वास्तव में हमलावर रूसी सेना के खिलाफ लड़कर अपनी बहादुरी और साहस को साबित कर रहे हैं.
रूस के इस हमले से पड़ोसी देश डर गए. इन देशों में रोमानिया,पोलैंड,लातविया,एस्टोनिया सब अलर्ट है. इन देशों में इमर्जेन्सी लगा दी गई है और सेना किसी भी हमले का सामना करने के लिया तैयार है.ये वो देश है जो नाटो के सदस्य बन चुके हैं और रूस की आँखों में लगातार खटक रहे हैं.रूस नाटो देशों के खिलाफ खड़ा होकर सोवियत संघ के सबसे पुराने प्रभाव वाले इलाकों में फिर से अपने आप को साबित करना चाहता है.
रूस ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि वह रुसी सीमा की ओर नाटो का बढ़ता विस्तार और ना यूके जैसे पड़ोसी देशों में नाटो की ओर से हथियारों की तैनाती. जभी से रूस और यूके बार्डर पर सेना की तैनाती बढ़ती चली गई और अब हमले के रूप में यह प्लान सामने आया है.
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